माइग्रेन एक ऐसी समस्या है जो सिरदर्द से कहीं ज़्यादा तकलीफ देती है. इसमें तेज़ धड़कता हुआ सिरदर्द, उल्टी, मतली, रोशनी और आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता जैसी परेशानियां आम हैं. कई लोग सालों तक दवाइयों के सहारे इससे राहत पाने की कोशिश करते हैं, लेकिन असर अक्सर कुछ समय के लिए ही रहता है. लगातार माइग्रेन होना न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को थका देता है.
ऐसे में अगर कोई नेचुरल और असरदार घरेलू नुस्खा सिर्फ एक हफ्ते में राहत देने का दावा करे, तो यह किसी वरदान से कम नहीं लगता. आयुर्वेद और घरेलू उपायों में कुछ ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं जो माइग्रेन की जड़ पर काम करते हैं और बिना किसी साइड इफेक्ट के आराम पहुंचाते हैं. इस आर्टिकल में हम एक ऐसे खास नुस्खे के बारे में जानेंगे जो हफ्तेभर के नियमित इस्तेमाल से माइग्रेन को काफी हद तक कंट्रोल कर सकता है.
क्या बताया आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने?
सेलिब्रिटी आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर करके माइग्रेन के असरदार इलाज के बारे में बताया है. श्वेता बताती हें कि इन नुस्खों से माइग्रेन से परेशान लोगों को काफी राहत मिलेगी. तो चलिए जानते हैं इन घरेलू नुस्खों के बारे में.
धनिया की चाय
शांत प्रभाव के लिए 1 चम्मच धनिये के बीजों को पानी में उबालें और इसे रोजाना घूंट-घूंट करके पीएं. आयुर्वेद के अनुसार, धनिया में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो माइग्रेन के दौरान सिरदर्द, मतली और चिड़चिड़ाहट को कम करने में मदद करते हैं. धनिया की चाय एक प्राकृतिक उपाय है जिसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है.
सामग्री:
- 1 चम्मच धनिया के बीज (साबुत धनिया)
- 1 से 1.5 कप पानी
- 1 चम्मच शहद (स्वाद के अनुसार)
- 2-3 तुलसी के पत्ते (वैकल्पिक)
- ½ चम्मच सौंफ (अगर मतली महसूस हो रही हो)
बनाने की विधि:
- सबसे पहले एक छोटे पैन में पानी उबालें.
- जब पानी उबलने लगे, उसमें साबुत धनिया के बीज डाल दें.
- चाहें तो तुलसी के पत्ते और सौंफ भी साथ में डाल सकते हैं ये माइग्रेन के लक्षणों को और बेहतर तरीके से शांत करते हैं.
- अब इस मिश्रण को 8-10 मिनट तक धीमी आंच पर उबलने दें ताकि धनिया के बीजों का अर्क अच्छे से पानी में आ जाए.
- गैस बंद करें और चाय को छान लें.
- स्वाद के लिए शहद मिलाएं (चीनी न डालें).
कैसे पिएं?
- दिन में 1-2 बार इस चाय को पीना फायदेमंद होता है खासकर तब जब माइग्रेन के लक्षण शुरू हों. इसे खाली पेट न पिएं. सुबह के समय और शाम को सिरदर्द की शुरुआत होते ही लेना ज़्यादा असरदार होता है.
- धनिया की चाय शरीर को डिटॉक्स करती है, दिमाग को शांत करती है और माइग्रेन की वजह से होने वाली थकान को कम करने में मदद करती है. नियमित रूप से इसे लेने से माइग्रेन की फ्रीक्वेंसी और इंटेंसिटी दोनों में फर्क नज़र आता है.
दालचीनी और शहद का लेप
दालचीनी और शहद दोनों ही अपने औषधीय गुणों के लिए जाने जाते हैं. दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक तत्व होते हैं, जबकि शहद शरीर को रिलैक्स करने और एनर्जी देने का काम करता है. इन दोनों का मिश्रण माइग्रेन के दर्द को नैचुरल तरीके से कम करने में मदद करता है. आइए जानते हैं इसे कैसे बनाएं और इस्तेमाल करें.
सामग्री:
बनाने की विधि:
- एक कटोरी में दालचीनी पाउडर लें.
- उसमें धीरे-धीरे शहद मिलाते जाएं और एक स्मूद पेस्ट बना लें.
- यह पेस्ट न ज़्यादा गाढ़ा होना चाहिए और न ही बहुत पतला. ऐसा होना चाहिए कि त्वचा पर आसानी से लगाया जा सके.
कैसे करें इस्तेमाल:
- तैयार लेप को माथे और कनपटियों पर लगाएं.
- इसे 20-30 मिनट तक ऐसे ही लगा रहने दें.
- इसके बाद हल्के गुनगुने पानी से धो लें.
- यह प्रक्रिया दिन में एक बार, खासकर जब माइग्रेन की शुरुआत हो रही हो, तब करें.
जरूरी टिप्स:
- दालचीनी कुछ लोगों की त्वचा पर जलन कर सकती है, इसलिए पहले एक छोटा पैच टेस्ट ज़रूर करें.
- अगर बहुत तेज़ दर्द है, तो इस लेप के साथ 510 मिनट की गहरी सांसों वाली एक्सरसाइज भी करें.
- पर्याप्त पानी पिएं और तेज़ रोशनी से दूर रहें.
माइग्रेन से छुटकारा पाने में घरेलू नुस्खे इसलिए असरदार होते हैं क्योंकि ये शरीर पर नेचुरल तरीके से काम करते हैं और किसी साइड इफेक्ट का खतरा नहीं होता. दालचीनी, शहद, अदरक, तुलसी या पुदीना जैसे प्राकृतिक तत्वों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण होते हैं जो माइग्रेन की वजह बनने वाले तनाव, सूजन और नसों के खिंचाव को कम करते हैं. साथ ही ये नुस्खे शरीर को रिलैक्स करते हैं और माइग्रेन के ट्रिगर्स जैसे थकान या नींद की कमी को भी कंट्रोल करने में मदद करते हैं. इनके नियमित इस्तेमाल से काफी राहत मिलती